विनाश की राजनीति

July 5, 2013 Chander Mohan 3

विनाश की राजनीति गौरीकुंड के नजदीक हेलीकाप्टर दुर्घटना में वायुसेना, आईटीबीपी तथा एनडीआरएफ के 20 अफसर और जवान मारे गए। तंग वादियों और बादलों से घिरे ऊंचे पहाड़ों से लोगों को हेलीकाप्टरों से निकालने के लिए हमारे अफसर तथा जवान दिन-रात लगे रहे। एयर चीफ मार्शल एनएके बाऊन ने फंसे हुए लोगों से वायदा किया था कि वह एक-एक को वहां से निकालेंगे। यह वायदा लगभग पूरा हो गया है। हजारों निकाले गए। अभियान खत्म होने वाला था कि यह दर्दनाक हादसा हो गया। एयर चीफ मार्शल का फिर कहना है कि अभियान चलेगा जब तक हर व्यक्ति बाहर नहीं निकाला जाता। अपने सुरक्षा बलों के इस जज्बे को देश का सलाम! उनकी जवानी, उनकी बहादुरी, उनके संकल्प, उनकी देशभक्ति, […]

इकबाल खत्म हो रहा है

July 4, 2013 Chander Mohan 0

इकबाल खत्म हो रहा है श्रीलंका में मानवाधिकारों के उल्लंघन तथा तमिलों पर हुए अत्याचार को लेकर द्रमुक ने केन्द्रीय सरकार से समर्थन वापिस ले लिया है। इधर उधर से समर्थन इकट्ठा कर सरकार तो चला ली जाएगी लेकिन इस सरकार का इकबाल तो खत्म हो गया है। ठीक है इस वक्त कोई भी चुनाव नहीं चाहता। द्रमुक ने भी कहा है कि वे सरकार गिराना नहीं चाहते। भाजपा का कहना है कि वे अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाएंगे। लेकिन सरकार तो अस्थिर हो गई। बजट पारित करवा लिया जाएगा पर बाकी योजनाएं, प्रस्ताव या कानून पारित करवाना मुश्किल होगा। सरकार बिल्कुल सपा तथा बसपा पर निर्भर हो गई है। ये दोनों पार्टियां अपनी-अपनी कीमत वसूल करेंगी। मुलायम सिंह यादव जैसे […]

करें या न करें, यही है सवाल

July 4, 2013 Chander Mohan 0

करें या न करें, यही है सवाल राहुल गांधी का आचरण कई बार शेक्सपीयर के पात्र डैनमार्क के युवराज हैमलॅट की याद ताजा कर देता है, टू बी ऑर नौट टू बी, इज द क्वश्चन? करूं या न करूं? यही सवाल है। दुविधा है। वे दस वर्षों से राजनीति में हैं लेकिन अभी तक यह निर्णय नहीं कर सके कि वे इसे पसंद करते हैं या नहीं करते? शुरू में उनके पिता राजीव गांधी इस मामले में बिल्कुल स्पष्ट थे। उन्हें राजनीति नहीं करनी। अगर किस्मत ने दखल न दिया होता और हवाई हादसे में भाई संजय की मौत न होती तो राजीव इस वक्त तक एयरलाईन के सीनियर कैप्टन रिटायर हो चुके होते। न ही सोनिया गांधी को ही […]

बदलाव आएगा कैसे?

July 4, 2013 Chander Mohan 0

बदलाव आएगा कैसे? जयपुर में राहुल गांधी के भावुक भाषण को सुन कर दिसंबर 1985 में मुंबई में राजीव गांधी के कांग्रेस शताब्दी पर दिए गए भाषण की याद ताजा हो गई जब राजीव ने कहा था कि “हम (कांग्रेसजन) सार्वजनिक नैतिकता के किसी नियम का पालन नहीं करते, कोई अनुशासन नहीं है, सामाजिक जागरूकता की कोई भावना प्रकट नहीं करते, सार्वजनिक हित के लिए कोई चिंता नहीं। भ्रष्टाचार न केवल बर्दाश्त ही नहीं किया जाता उसे नेतृत्व का मापदंड भी समझा जाता है।” उस भाषण को 27 वर्ष हो गए। इस बीच अटल बिहारी वाजपेयी के शासन को छोड़ कर अधिकतर कांग्रेस या कांग्रेस समर्थक सरकारें ही रही हैं। पिछले नौ साल से तो सरकार की कमान सीधी कांग्रेस […]

राहुल के लिए पिच टेढ़ी

July 4, 2013 Chander Mohan 0

राहुल के लिए पिच टेढ़ी   विदेशमंत्री सलमान खुर्शीद का कहना है कि  राहुल गांधी कांग्रेस के सचिन तेंदुलकर हैं।  कांग्रेस पार्टी ने हाल ही में औपचारिक रूप  से राहुल गांधी को चुनाव समन्वय समिति  का अध्यक्ष भी बना दिया है। अर्थात्  अगला चुनाव उनकी कमान के नीचे लड़ा  जाएगा। अगर सलमान खुर्शीद की तुलना  को सामने रखा जाए तो कहा जा सकता है  कि कांग्रेस की तरफ से राहुल गांधी बैटिंग  खेलेंगे। चुनाव से 18 महीने पहले यह  मामला तय कर कांग्रेस विशेष तौर पर यह  संदेश देना चाहती कि भाजपा के अंदर  अराजक स्थिति की तुलना में उसका घर  पूरी तरह से व्यवस्थित है। लेकिन यह लिखने के बाद जरूर कहना  चाहूंगा कि राहुल गांधी कोई सचिन  तेंदुलकर […]

हंगामें हैं, हंगामों का क्या

July 4, 2013 Chander Mohan 0

हंगामें हैं, हंगामों का क्या रविवार को कांग्रेस ने दिल्ली की रामलीला ग्राऊंड में विशाल रैली कर एक बार फिर अपनी संगठनात्मक क्षमता का परिचय दे दिया। सबसे अधिक लोग हरियाणा से थे इसीलिए कार की छत्त पर बैठे भुपिन्द्र सिंह हुड्डा बहुत आश्वस्त और प्रसन्न नजर आ रहे थे। पर इस महारैली के चित्र देख कर और त्रिमूर्ति के भाषण सुन कर मेरा तो यही कहना है, यह जश्न, यह हंगामें, दिलचस्प खिलौने हैं कुछ लोगों की कोशिश है कुछ लोग बहल जाएं! यह सही है कि यह सरकार मनरेगा और सूचना के अधिकार जैसी क्रांतिकारी योजनाएं ले कर आई थी पर यह पिछली मनमोहन सिंह सरकार का योगदान था। वर्तमान सरकार की कारगुजारी तो पूरी तरह से नकारात्मक […]