क्या चीन का बहिष्कार हो सकता है? (Should We Boycott China?)

June 11, 2020 Chander Mohan 0

भारत ने चीन के साथ अगर दोस्ताना नही तो सामान्य रिश्ते रखने का भरसक प्रयास किया है लेकिन  इस मामले में एक और भारतीय प्रधानमंत्री फ़ेल हो रहें हैं। जवाहरलाल नेहरू से ले कर नरेन्द्र मोदी तक हर भारतीय प्रधानमंत्री से चीन ने दगा किया है। नरेन्द्र मोदी ने शी जिनपिंग को अहमदाबाद में साबरमती के किनारे झूला झुलाया,फिर वुहान और महाबलीपुरम में दोनों में अच्छी बातचीत हुई। हम चीन द्वारा फैलाए वायरस के मामले में ख़ामोश रहे। तायवान, हांगकांग, डब्ल्यू एच ओ सब पर हम मौनी बाबा बने रहे। पर न यह और न ही झूला या कथित वुहान स्पिरिट ही चीन को बदमाशी से रोक सकी। अनुमान है कि लद्दाख में पैंगांग झील के साथ लगते हमारे इलाक़े […]

क्या बहिष्कार होना चाहिए? (Should We Boycott?)

August 10, 2017 Chander Mohan 0

चीन की धौंस जारी है। उन्होंने समझा नहीं था कि भारत डोकलाम में इस तरह अड़ जाएगा। चीन की आर्थिक तथा सैनिक क्षमता बहुत बढ़ चुकी है। विशेष तौर पर उनके राष्ट्रपति शी जिनपिंग समझते हैं कि वह दिन लद गए जब चीन को दूसरों की संवेदना की चिंता करनी चाहिए उलटा शी समझते हैं कि दूसरों को चीनी साम्राज्य के उत्थान के मुताबिक अपने को ढालना चाहिए। इस बीच भारत ने चुनौती दे दी है जो वह पचा नहीं पा रहे इसलिए रोजाना उनका मीडिया या अधिकारी हमें धमकियां दे रहे हैं। अभी तक उनके सरकारी अखबार ग्लोबल टाईम्स में 20 लेख भारत को 1962 का सबक सिखाने से संबंधित प्रकाशित हो चुके हैं। मोदी सरकार के लिए विदेश […]

1962 और 2017 (1962 and 2017)

July 6, 2017 Chander Mohan 0

भारत, भूटान तथा चीन के बीच सिक्किम के डोकलम इलाके में टकराव को लेकर चीन अधिक ही आक्रामक हो रहा है। भारत को 1962 की याद दिलवाई जा रही है। उनका मीडिया युद्ध की धमकी दे रहा है। चीन इस अति संवेदनशील क्षेत्र जहां से उत्तर पूर्व के प्रांतों से हमारा सम्पर्क टूट सकता है, पर कब्ज़ा करने की कोशिश कर रहा है। डोकलम जिसे चीन डोंगलाग कहता है, के बीच चीन सड़क बनाने की कोशिश कर रहा है जिसे भारतीय सैनिकों ने रोक दिया है। ऐसी सड़क से भारत के लिए गंभीर सामरिक दुष्परिणाम निकल सकते हैं। यह 269 वर्ग किलोमीटर का सामरिक महत्व का क्षेत्र है जो भूटान का है पर चीन दावा कर रहा है। चीन का […]