बीजिंग अभी दूर है, Beijing, A Bridge Too Far

October 31, 2024 Chander Mohan 0

रूस के शहर कज़ान में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ अपनी वार्ता में प्रधानमंत्री ने हिन्दी में बात की थी। पर अचानक बीच में अंग्रेज़ी का सहारा लेते हुए उन्होंने कहा “Mutual trust, mutual respect and mutual sensitivity should be the basis of our ties” अर्थात् आपसी विश्वास, आपसी सम्मान और आपसी संवेदनशीलता हमारे सम्बंधों की बुनियाद होनी चाहिए। अब जबकि पूर्वी लद्दाख से दोनों देशों की सेना की वापिसी शुरू हो चुकी है रिश्तों के उपर trust शब्द मंडरा रहा है। बड़ा सवाल यह ही है कि क्या हम चीन पर भरोसा कर सकते हैं? आख़िर सब कुछ ठीक चल रहा था। दोनों देशों के बीच व्यापारिक सम्बंध मज़बूत थे फिर चीन ने 2020 में गलवान में […]

अस्थिर,अनिश्चित दुनिया में भारत, India In Uncertain World,

July 18, 2024 Chander Mohan 0

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रूस यात्रा को लेकर पश्चिम के देश काफ़ी परेशान लग रहें हैं। तीसरी बार निर्वाचित होने के बाद नरेन्द्र मोदी की पहली विदेश यात्रा रूस की थी जबकि अब तक परम्परा रही है कि भारत के नव निर्वाचित प्रधानमंत्री पड़ोस के किसी देश की यात्रा सबसे पहले करते हैं। यात्रा के दौरान नरेन्द्र मोदी और पुतिन के बीच गर्मजोशी को भी पश्चिम में पसंद नहीं किया गया। प्रधानमंत्री ने रूस को ‘सुख दुख का साथी’ कहा, जो बात पुतिन को पसंद आई। कड़वी टिप्पणी युक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की की थी कि, “दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश के नेता का दुनिया को सबसे खूनी नेता को ग़ले लगाना निराशाजनक है”। जेलेंस्की की टिप्पणी रूस द्वारा युक्रेन […]

वैश्विक अव्यवस्था और भारत, Global Disorder and India

May 25, 2023 Chander Mohan 0

 क्या पाखंड है। जापान के शहर हिरोशिमा जहां 6 अगस्त 1945 को अमेरिका ने परमाणु बम गिराया था जिससे लाखों लोग मारे गए और बराबर संख्या गम्भीर रूप से बीमार हो गई थी, में इकट्ठे हुए दुनिया के जी-7 शक्तिशाली देशों, अमेरिका, ब्रिटेन, फ़्रांस, जापान, कैनेडा, जर्मनी और इटली के राष्ट्राध्यक्षों ने ‘परमाणु हथियारों के बिना दुनिया’ का आह्वान किया है और रूस, चीन, ईरान और उत्तर कोरिया को परमाणु प्रसार बंद करने और परमाणु अप्रसार अपनाने को कहा है। यह सात वह देश हैं जिनके पास विश्व की जीडीपी का 45 फ़ीसदी है,  सैनिक तौर पर शक्तिशाली है और जापान को छोड़ कर बाक़ी सभी परमाणु शक्तियाँ हैं। इनके पास इतने परमाणु हथियार हैं कि वह दुनिया को कई […]

भारत -चीन :एशिया की म्यान में दो तलवारें, As India And China Compete

July 21, 2022 Chander Mohan 0

लद्दाख की गलवान वादी में भारत और चीन के बीच हिंसक टकराव के दो वर्ष से उपर हो चुकें हैं। इस टकराव में हमारे 20 जवान शहीद हुए थे और चीन के हताहत का सही आँकड़ा जारी नहीं किया गया। इस टकराव ने भारत चीन रिश्तों को दशकों के सबसे निचले स्तर पर ला खड़ा किया था। तब से दोनों देश सम्बंध सुधारने का कुछ प्रयास तो कर रहें हैं पर परनाला वहीं का वहीं है। रविवार को दोनों के बीच 16वें दौर की बारह घटें चली वार्ता  भी किसी नतीजे पर नहीं पहुँची। भारत  चाहता है कि दोनों देशों की सेनाएँ उस जगह लौट जाएँ जहां मई 2020 के चीन के अतिक्रमण से पहले थीं, पर चीन का रवैया […]

गलवान के बाद भारत -चीन, India and China after Galwan

June 24, 2021 Chander Mohan 0

यह एक जानबूझकर सोची समझी उकसाहट थी। एक साल पहले पूर्वी लद्दाख में गश्त कर रही 16 बिहार रैजीमैंट की टुकड़ी जिसका नेतृत्व कर्नल संतोष बाबू कर रहे थे, पर चीनी सैनिकों ने हिंसक हमला कर दिया था। कर्नल बाबू और हमारे 19 सैनिक शहीद हुए थे। हमारे जवानों ने ज़बरदस्त मुक़ाबला किया और कई महीने  चीन ने नही बताया कि उसके कितने हताहत हुए थे। बाद में चार मारे गए स्वीकार किए जबकि अमेरिकी और रूसी ख़ुफ़िया सूत्र 35-45 हताहत बता रहें हैं। चीन के साथ टकराव चलता रहता है पर चार दशक के बाद पहली बार था कि चीनी सैनिक हमारा  ख़ून बहाने की तैयारी कर आए थे। भारत और चीन के रिश्तों में गलवान एक निर्णायक मोड़ […]

क्वैड: जाना कहाँ तक है? Quad: Past Present and Future

March 25, 2021 Chander Mohan 0

एशिया में ग्रेट गेम शुरू हो चुकी है। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन, भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, जापान के प्रधानमंत्री योशिहीदे सुगा तथा आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन के बीच पहली वर्चुअल शिखिर वार्ता दुनिया और विशेष तौर पर एशिया में सामरिक संतुलन बदलने की क्षमता रखती है। ‘क्वाड’ अर्थात चतुष्कोण की बैठक में फ़ैसला लिया गया कि भारत वैक्सीन निर्यात का बड़ा केन्द्र बनेगा। इसके अलावा जलवायु परिवर्तन तथा हिन्द-प्रशांत महासागर में जहाज़ों के निर्बाध आवागमन पर चारों देशों के बीच ज़बरदस्त सहमति बनी है। लेकिन असली सहमति उस देश की ब्लैकमेल को रोकने पर बनी है जिस का संयुक्त बयान मे नाम नही लिया गया, चीन। चीन के आक्रामक रवैया और हठधर्मिता से सब परेशान हैं यही […]