अमेरिका और उसका ‘न्यू बैस्ट फ्रैंड’, America- India New Best Friends?

June 22, 2023 Chander Mohan 0

 ब्रिटेन के साप्ताहिक अख़बार द इकोनॉमिस्ट ने भारत को अमेरिका का नया बैस्ट फ्रैंड करार दिया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अमेरिका यात्रा से पहले प्रकाशित लेख में अख़बार लिखता है, “ इस एशियन जांयट का वैश्विक दबदबा बहुत तेज़ी से बढ़ रहा है। इसकी अर्थव्यवस्था दुनिया में पाँचवीं है…2028 तक वह जापान और जर्मनी से आगे निकल जाएँगे… भारत एशिया में चीन के आक्रमण को रोकने और अपना अधिकार जताने के अमरीकी प्रयासों के लिए अत्यावश्यक हो गया है”। यह अकारण नहीं  कि इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा का उस तरह स्वागत किया जा रहा जैसे पहले शायद एक ही बार हुआ था जब राष्ट्रपति कैनेडी ने  प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का अमेरिका में स्वागत किया था। […]

वैश्विक अव्यवस्था और भारत, Global Disorder and India

May 25, 2023 Chander Mohan 0

 क्या पाखंड है। जापान के शहर हिरोशिमा जहां 6 अगस्त 1945 को अमेरिका ने परमाणु बम गिराया था जिससे लाखों लोग मारे गए और बराबर संख्या गम्भीर रूप से बीमार हो गई थी, में इकट्ठे हुए दुनिया के जी-7 शक्तिशाली देशों, अमेरिका, ब्रिटेन, फ़्रांस, जापान, कैनेडा, जर्मनी और इटली के राष्ट्राध्यक्षों ने ‘परमाणु हथियारों के बिना दुनिया’ का आह्वान किया है और रूस, चीन, ईरान और उत्तर कोरिया को परमाणु प्रसार बंद करने और परमाणु अप्रसार अपनाने को कहा है। यह सात वह देश हैं जिनके पास विश्व की जीडीपी का 45 फ़ीसदी है,  सैनिक तौर पर शक्तिशाली है और जापान को छोड़ कर बाक़ी सभी परमाणु शक्तियाँ हैं। इनके पास इतने परमाणु हथियार हैं कि वह दुनिया को कई […]

शी जीनपिंग और अनिच्छुक मछली, Covid Trouble For Xi Zinping

January 5, 2023 Chander Mohan 0

 वर्ष के अंत में एक अत्यंत महत्वपूर्ण घटना में चीन के राष्ट्रपति शी जीनपिंग जो खुद को एक प्रकार का आधुनिक सम्राट समझने लगे थे, के मज़बूत लगने वाले क़िले की कुछ ईंटें गिरनी तो कुछ खिसकनी शुरू हुई हैं। यह प्रक्रिया रूक जाती है या जारी रहती है, पर वैश्विक राजनीति का भविष्य टिका है। चीन एक सुपरपावर है जो शांत और भद्र नहीं है। वह आक्रामक और विध्वंसक महाशक्ति है। उसे यह छवि देने में शी जीनपिंग की बड़ी भूमिका रही है। वह माओ त्सी तुंग की तरह एकमात्र और सर्वोच्च नेता बनना चाहते है पर भूल गए कि दुनिया बदल गई है और चीन के लोग भी आज़ादी की हवा से अछूते नहीं है। हर ताकतवर नेता […]

भारत -चीन :एशिया की म्यान में दो तलवारें, As India And China Compete

July 21, 2022 Chander Mohan 0

लद्दाख की गलवान वादी में भारत और चीन के बीच हिंसक टकराव के दो वर्ष से उपर हो चुकें हैं। इस टकराव में हमारे 20 जवान शहीद हुए थे और चीन के हताहत का सही आँकड़ा जारी नहीं किया गया। इस टकराव ने भारत चीन रिश्तों को दशकों के सबसे निचले स्तर पर ला खड़ा किया था। तब से दोनों देश सम्बंध सुधारने का कुछ प्रयास तो कर रहें हैं पर परनाला वहीं का वहीं है। रविवार को दोनों के बीच 16वें दौर की बारह घटें चली वार्ता  भी किसी नतीजे पर नहीं पहुँची। भारत  चाहता है कि दोनों देशों की सेनाएँ उस जगह लौट जाएँ जहां मई 2020 के चीन के अतिक्रमण से पहले थीं, पर चीन का रवैया […]

हमारी समस्या यूक्रेन नही,चीन है Our Concern is China not Ukraine

February 24, 2022 Chander Mohan 0

यूक्रेन के संकट को लेकर दुनिया परेशान है। रूस कह तो रहा है कि उसका हमले का कोई इरादा नही पर यूक्रेन की सीमा पर उसके लगभग दो लाख सैनिक तैनात हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन लगातार कह रहे हैं कि रूस किसी भी समय हमला कर सकता है। यह टकराव दोनो बड़े नेता बाइडेन और पुतिन की प्रतिष्ठा का भी सवाल बन गया है। पुतिन बिना कुछ हासिल किए वापिस नही जा सकते और जो बाइडेन यह निश्चित करना चाहतें हैं कि रूस यहाँ से कुछ हासिल न कर सके। तीसरे बड़े नेता शी जिनपिंग की भी नजर इस टकराव पर है कि वह इस में से क्या फायदा उठा सकतें हैं? यहाँ पुतिन फँस गए लगतें है। […]

अमेरिका की दिशा और संकल्प पर सवाल, Doubts About America

September 30, 2021 Chander Mohan 0

अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के साथ मुलाक़ात के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का कहना था कि ‘भारत और अमेरिका स्वभाविक सांझेदार हैं’। सबसे पहले प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने ‘नैचूरल पार्टनर’ की बात कही थी। इसके पीछे भावना यह है कि क्योंकि दोनों देश लोकतान्त्रिक है इसलिए बहुत कुछ साँझा  हैं पर इसके बावजूद अमेरिका पाकिस्तान की मदद करता रहा है और भारत का झुकाव रूस की तरफ रहा है। अब अवश्य दोनों के सम्बन्ध गहरें हो रहें हैं। नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद यह और मज़बूत हुए हैं। अभी प्रधानमंत्री मोदी वाशिंगटन में राष्ट्रपति जो बाइडेन से मुलाक़ात कर और चार क्वाड देशों के नेताओं की पहली इन-पर्सन बैठक से लौटें हैं। यह मुलाक़ातें अमेरिका द्वारा […]