क्या कश्मीर में ‘कश्मीरियत’ बहाल होगी ?

August 10, 2023 Chander Mohan 0

पिछले लेख में मैंने अमरनाथ यात्रा का ज़िक्र किया था। अब तक लगभग 4 लाख यात्री दर्शन कर चुकें हैं। हर साल यात्रा का सफल आयोजन देश का संकल्प भी व्यक्त करता है। इस बार भी चप्पे चप्पे पर सुरक्षा कर्मी तैनात थे। यात्रा के कारण यातायात में भारी रूकावट भी आती है। श्रीनगर से पहलगाम के रास्ते में हमें एक घंटा अधिक लग गया क्योंकि जब यात्रा का क़ाफ़िला गुजर रहा होता है तो दूसरी तरफ़ से ट्रैफ़िक रोक दिया जाता है। यह रास्ता भी पुलवामा, कुलगाम और अनंतनाग के क्षेत्रों से गुजरता है जो आतंकवाद के लिए कुख्यात हैं इसलिए अत्यंत सावधानी बरती जाती है। पुलवामा विशेष तौर पर सुर्ख़ियों में रहा क्योंकि वहाँ फ़रवरी 2019 में हमारे […]

कश्मीर, एक बार फिर , Kashmir, Once Again

August 3, 2023 Chander Mohan 0

कश्मीर मैं पहली बार तब गया था जब बक्शी गुलाम मुहम्मद वहाँ ‘प्रधानमंत्री’ थे। शायद 1954-55 की बात है। बक्शी गुलाम मुहम्मद जो शेख़ अब्दुल्ला के उपप्रधानमन्त्री थे ने सदर-ए-रियासत डा. कर्ण सिंह की मदद से  शेख़ साहिब का तख्ता पलट दिया था और  उनकी जगह ले ली थी। शेख़ अब्दुल्ला 11 साल घर में नज़रबंद रहें क्योंकि वह कश्मीर की आज़ादी के सपने देखने लग पड़े थे। मैं दूसरी बार कालेज के दिनों में गया था  और श्रीनगर में फ़िल्म आरज़ू (राजेंद्र कुमार, साधना, फ़िरोज़ खान) की शूटिंग देखी थी। फिर 1978 में परिवार और दोस्तों के साथ श्रीनगर, गुलमर्ग और पहलगाम की यात्रा की थी। पहलगाम में हम  लिद्दर नदी के किनारे टैंट में रहे थे। उसके बाद […]

खाड़ी में उठा तूफ़ान, The Storm From The Gulf

June 9, 2022 Chander Mohan 0

‘टार्गेट किलिंग’ (चुन चुन कर हत्या) के बाद कश्मीर से कश्मीरी पंडितो और दूसरे हिन्दुओं का पलायन फिर शुरू हो गया है। ऐसा प्रतीत होता है कि 1990 के दशक के स्याह दिन फिर लौट आए हैं। एक बार फिर आतंक का माहौल है, चिनार के पत्तों से बारूद की गंध उठ रही है। धारा 370 हटाए जाने के बाद जो उम्मीद जगी थी उस पर खून के धब्बे लग गए हैं। सरकार के आश्वासनों के बावजूद पलायन जारी है, घरों पर लगे ताले इसकी गवाही दे रहें हैं। प्रधानमंत्री के पैकेज के अनुसार वहाँ क़रीब 5900 कर्मचारी हैं जो असुरक्षित महसूस करते थे। सरकार उन्हें निकलने से रोकने की कोशिश कर रही है, पर रात के अंधेरे में 80 […]

इंसानियत, जम्हूरियत, कश्मीरियत, और हक़ीक़त, The Reality Of Kashmir

July 1, 2021 Chander Mohan 0

5 अगस्त 2019  को अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद जिस तरह अभी तक  जम्मू और कश्मीर की स्थिति को सम्भाला गया वह मोदी सरकार की ‘सकसैस सटोरी’, सफलता की कहानी है। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने अच्छा प्रशासन दिया है। हिंसा कम हुई है, पत्थरबाज़ी रूक गई है और कोविड को सम्भालने का प्रबन्ध अच्छा रहा है, जो कश्मीरी भी मानते है। फ़रवरी के बाद पाकिस्तान के साथ सीमा शान्त है। 23 महीनों के बाद जम्मू कश्मीर के नेताओं को वार्ता के लिए दिल्ली बुलाया गया है। बर्फ़ कुछ पिघली है पर अभी बहुत दूर जाना है। वास्तव में यह भी मालूम नही कि कहाँ  तक जाना है, मंज़िल क्या है? यही सवाल पूछे जाने पर डा. कर्ण सिंह […]

कश्मीर, कहाँ शुरू कहाँ ख़त्म Kashmir, When will Peace Return

August 13, 2020 Chander Mohan 0

इस साल के शुरू में मैंने एक ख़ुशनुमा सप्ताह केरल में गुज़ारा था। कुछ ख़रीदारी के लिए जब एक दुकान में गया तो कश्मीरी दुकानदार ने मेरा स्वागत यह कह कर किया, “बहुत ख़ुशी है कि आप हमारी आज़ादी की स्टरगल(संघर्ष) का समर्थन कर रहे हो”। दंग, मैं बाहर आ गया। कहाँ कश्मीर और कहाँ  दूर कोच्चि। पर यहाँ भी यह कश्मीरी अपनी कथित आज़ादी का रोना रो रहा था। ऐसा अनुभव देश में सब ने किया होगा जिनका किसी न किसी कश्मीरी से पाला पड़ा हो। केरल वाला प्रसंग मुझे फिर याद आया जब केन्द्र द्वारा धारा 370 तथा 35ऐ हटाए जाने तथा प्रदेश को दो केन्द्रीय शासित क्षेत्रों में बदलने पर उमर अब्दुल्ला ने यह शिकायत की, “जम्मू […]

तल्ख थे, तल्ख रहेंगे (India-China, Tense Relationship)

October 10, 2019 Chander Mohan 0

अमेरिका के पूर्व विदेशमंत्री हैनरी किसिंजर ने चीन के नेतृत्व के बारे अपनी किताब  ‘ऑन चायना’ में लिखा था,  “वह सौदेबाजी या वार्ता को विशेष महत्व नहीं देते… वह नहीं समझते कि व्यक्तिगत संबंध का फैसलों पर विशेष असर पड़ता है चाहे वह व्यक्तिगत संबंधों के द्वारा अपने प्रयासों को बढ़ाने की कोशिश कर सकते हैं।” अब जबकि चेन्नई के पास प्राचीन मंदिरों के शहर मामल्लापुरम में भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा चीन के राष्ट्रपति जी जिनपिंग एक बार फिर मिल रहे हैं, आशा है कि हमारे प्रधानमंत्री किसिंजर की इस समझदार राय को याद रखेंगे। प्रधानमंत्री मोदी पहले शी जिनपिंग का अहमदाबाद में सागरमती के किनारे स्वागत कर चुके हैं। पिछले साल दोनों चीन के खूबसूरत शहर वुहान […]