हमारे अधूरे लोकतन्त्र की जय ! Our Imperfect -Perfect Democracy

May 6, 2021 Chander Mohan 0

जिस वक़्त टीवी पर पाँच प्रदेशों के चुनाव परिणाम आ रहे थे उसी वक़्त एक चैनल पर यह एस-ओ-एस फ़्लैश हो रहा था कि दिल्ली के बच्चों के एक अस्पताल में आक्सिजन ख़त्म हो रही है। उसके बाद आप के एक नेता ने उन्हे छ: सिलेंडर पहुँचा भी दिए लेकिन ऐसी अपील की नौबत ही क्यों आए? उससे एक दिन पहले दिल्ली के ही बतरा  अस्पताल में आक्सिजन की कमी से 12 मरीज़ मारे जा चुके थे। यह स्थिति तब है जब दिल्ली हाईकोर्ट लगातार केन्द्र और सरकार को फटकार लगाताआर हा है। हाईकोर्ट का यहां तक कहना था कि राज्य नागरिकों के बुनियादी जीवन के अधिकारकी रक्षा करने में असफल रहा है। यह बहुत बड़ा अभियोग है लेकिन सच्चाई […]

‘जय बांग्ला’ या ‘सोनार बांग्ला’ ?, The Bengal Elections

March 4, 2021 Chander Mohan 0

चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी के चुनाव की घोषणा कर दी है पर जहाँ सब चुनाव अपना अपना महत्व रखतें हैं पश्चिम बंगाल का चुनाव विशेष महत्व और चिन्ता देता है। इसके चार बड़े कारण हैं। एक, ममता बैनर्जी का अपना विशेष जुझारू व्यक्तित्व है। वह स्ट्रीट फाइटर हैं और उन्हें सुर्ख़ियों में बने रहना आता है। दूसरा, भाजपा के नेतृत्व ने इस चुनाव को प्रतिष्ठा का प्रश्न बनाया हुआ है और भाजपा की तीनों प्रमुख तोपें, प्रधानमंत्री मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, और पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा वहाँ लगातार गर्ज रहीं हैं। तीसरा, राज्य का हिंसक राजनीतिक इतिहास है। और चौथा, यह चुनाव देश की भावी राजनीति को तय करेगा। पश्चिम बंगाल के 2016 […]

असुरक्षा की यह भावना क्यों है? Why This Insecurity?

February 25, 2021 Chander Mohan 0

वैसे तो यह तय माना जाता है कि जिसकी सरकार हो स्थानीय निकाय पर उसी का क़ब्ज़ा होता है पर फिर भी पंजाब के स्थानीय चुनाव में कांग्रेस के पक्ष में जिस तरह एकतरफ़ा परिणाम आया है और भाजपा को होलसेल रद्द कर दिया गया है, वह हैरान करने वाला है। हम एक प्रकार से भाजपा मुक्त पंजाब देख रहें हैं जहाँ कांग्रेस को लगभग 70 प्रतिशत सीटें मिली हैऔर भाजपा 2 प्रतिशत वार्ड में ही जीत सकी है। मुक्तसर, जहाँ अधिकतर भाजपा उम्मीदवारों को 20 से भी कम वोट मिलें हैं, की मिसाल हालत बयान करती है। 22 में से 10 जिंलों में भाजपा शून्य नही तोड़ सकी। इसका असर अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में देखने को […]

भाजपा की अकाली-दुविधा (BJP and Akalis)

January 30, 2020 Chander Mohan 0

जिसे कभी प्रकाश सिंह बादल ने नाखुन तथा मास का रिश्ता कहा था, वह अलग होता नज़र आ रहा है। शिरोमणि अकाली दल ने घोषणा की है कि वह दिल्ली विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ेंगे। असलियत यह है कि दोनों अकाली दल तथा भाजपा में मतभेद इतने बढ़ चुके हैं कि दोनों अब इक्ट्ठे नहीं चल सकते इसलिए भाजपा के खिलाफ चुनाव लडऩे से कतराते हुए अकाली दल ने फिलहाल दिल्ली विधानसभा से ही किनारा कर लिया है। इससे पहले हरियाणा विधानसभा चुनाव के दौरान भी दोनों दलों के बीच तलखी नज़र आई थी और अब दिल्ली, जहां सिखों की अच्छी-खासी जनसंख्या है, के विधानसभा चुनाव से अकाली दल बाहर हो गया है। यह अकाली दल की कमज़ोरी भी दर्शाता […]

चाल और चरित्र पर चिंतन चाहिए (BJP Needs To Introspect)

December 5, 2019 Chander Mohan 0

2014 तथा 2019 में हम लोगों ने भाजपा को तीन कारणों से वोट दिया था। (1) नरेन्द्र मोदी (2) तेजी से विकास की आशा तथा (3) राजनीति में शुचिता का वादा। दूसरी मोदी सरकार के छ: महीने पूरे होने पर हम कह सकते हैं कि (1) तो सही चल रहें हैं लेकिन (2) तथा (3) पर सवालिया निशान लग रहा है और चिंता यह है कि कहीं (2) तथा (3) की छाया (1) पर न पड़ जाए और धीमी अर्थ व्यवस्था तथा भाजपा की भटकन नरेन्द्र मोदी की छवि को प्रभावित न कर जाए। वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में अर्थ व्यवस्था को तगड़ा झटका लगा है और विकास की दर गिर कर 4.5 पहुंच गई है जबकि इसी समय […]

भाजपा नेतृत्व की जिम्मेवारी (Responsibility of BJP Leadership)

September 5, 2019 Chander Mohan 0

जम्मू-कश्मीर के हालात पर अपने बयान पर अब राहुल गांधी ने संशोधन कर लिया है। उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। इससे पहले कश्मीर पर अपनी टिप्पणी में राहुल गांधी ने कहा था कि वहां हालात बहुत खराब है और  “लोग मर रहे हैं”  जबकि एक भी प्रमाण नहीं कि सुरक्षा बलों की फायरिंग में कोई हताहत हुआ हो। राहुल गांधी की समस्या है कि वह समझते हैं कि राजनीति पब्लिक स्कूल की डिबेट है जहां उन्हें हर हाल में अपने मुखालिफ का विरोध करना है चाहे वह सही क्यों न हो। इस बार फिर यह उलट पड़ा क्योंकि पाकिस्तान की मानवाधिकार मंत्री ने संयुक्त राष्ट्र को कश्मीर बारे जो शिकायत की है उसमें […]