2024 की इंतजार में राहुल गांधी (Rahul Gandhi: Waiting For 2024)

April 11, 2019 Chander Mohan 0

वैसे तो बिल्ली थैले से बाहर उस दिन ही आ गई थी जब अमेठी में कार्यकर्त्ताओं से चुनाव की तैयारी के बारे बात करते वक्त प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा था, “इस वाले चुनाव की नहीं 2022 वाले की।“ प्रियंका का यह कहना पहला यह संकेत था कि कांग्रेस का प्रथम परिवार आज से शुरू होने वाले चुनाव पर नहीं बल्कि भावी चुनावों पर केन्द्रित है। प्रियंका 2022 के विधानसभा की बात कर रहीं थीं पर राहुल गांधी द्वारा केरल में वायनाड से भी चुनाव लडऩा बताता है कि कांग्रेस अध्यक्ष 2022 से भी आगे 2024 के लोकसभा चुनाव पर केन्द्रित है। कहने को तो कहा जा रहा है कि राहुल गांधी के वायनाड से लडऩे का दक्षिण भारत के […]

जब दरिया रुख बदलता है (When River Changes Course)

June 7, 2018 Chander Mohan 0

पिछले कुछ महीने मोदी सरकार तथा भाजपा के लिए अच्छे नहीं रहे। गोरखपुर तथा फूलपुर के बाद उत्तर प्रदेश में कैराना तथा नूरपुर की सीटें भाजपा द्वारा हारना बताता है कि पार्टी तेजी से ज़मीन खो रही है और इस बात की संभावना नहीं कि 2019 में भाजपा 2014 दोहरा सकेगी। अब तक के 27 संसदीय उप चुनावों में से भाजपा केवल 5 जीत सकी है और उसने 8 खो डालें है। इनमें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी तथा उप मुख्यमंत्री केशवप्रसाद मौर्या की भी सीटें हैं और उत्तर प्रदेश वह प्रदेश है जिसने 2014 में भाजपा को 71 सीटें दी थी। मोदी ब्रैंड जिसने देश को चकाचौंध कर दिया था अब फीका पड़ रहा है। ठीक है कैराना […]

कैसे बनेगा ‘न्यू इंडिया’? (Is ‘New India’ Possible?)

August 17, 2017 Chander Mohan 0

यह लेख मैं 15 अगस्त को लिख रहा हूं। प्रधानमंत्री मोदी लाल किले से अपना चौथा भाषण दे हटें हैं। प्रधानमंत्री का भाषण अच्छा था लेकिन पिछले भाषणों जैसा प्रभावशाली नहीं था। इस देश को संभालने तथा वायदे पूरे करने का बोझ किसी को भी थका सकता है। उन्होंने 2022 तक ‘न्यू इंडिया’ लाने की बात कही। क्या यह संभव हो सकेगा? यह स्वतंत्रता दिवस है भी ऐतिहासिक क्योंकि हम अपनी आजादी के सात दशक पूरे कर गए हैं। इसी आजादी के बारे राम प्रसाद बिस्मिल जिन्हें दिसम्बर 1927 में फांसी दी गई थी, ने लिखा था, कभी वह दिन भी आएगा जब अपना राज देखेंगे, जब अपनी ही जमीं होगी और अपना आसमां होगा! अब 70 वर्ष से अपनी जमीन […]

1962 और 2017 (1962 and 2017)

July 6, 2017 Chander Mohan 0

भारत, भूटान तथा चीन के बीच सिक्किम के डोकलम इलाके में टकराव को लेकर चीन अधिक ही आक्रामक हो रहा है। भारत को 1962 की याद दिलवाई जा रही है। उनका मीडिया युद्ध की धमकी दे रहा है। चीन इस अति संवेदनशील क्षेत्र जहां से उत्तर पूर्व के प्रांतों से हमारा सम्पर्क टूट सकता है, पर कब्ज़ा करने की कोशिश कर रहा है। डोकलम जिसे चीन डोंगलाग कहता है, के बीच चीन सड़क बनाने की कोशिश कर रहा है जिसे भारतीय सैनिकों ने रोक दिया है। ऐसी सड़क से भारत के लिए गंभीर सामरिक दुष्परिणाम निकल सकते हैं। यह 269 वर्ग किलोमीटर का सामरिक महत्व का क्षेत्र है जो भूटान का है पर चीन दावा कर रहा है। चीन का […]

मनमोहन सिंह का रेनकोट (Manmohan Singh’s Raincoat)

February 15, 2017 Chander Mohan 0

अमेरिका के 33वें राष्ट्रपति हैरी ट्रूमैन ने कहा था कि अगर आप ताप नहीं सह सकते तो रसोई में कदम मत रखो। अर्थात् अगर आप राजनीति में हैं तो आलोचना और यहां तक कि अपशब्द भी सहने की ताकत आप में होनी चाहिए। कुछ ऐसी ही बात पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव ने भी कही थी कि राजनीति में मोटी चमड़ी चाहिए और गालियां तक सहने को तैयार रहना चाहिए। इसलिए प्रधानमंत्री मोदी की पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर की गई टिप्पणी पर कांग्रेस का बवाल समझ नहीं आता। अपने प्रतिद्वंद्वियों पर हमला सब राजनीतिक दल करते हैं। विदेशों में भी होता है। कई जगह तो हमसे भी अधिक आक्रामकता और निम्न ढंग से होता है। यहां प्रधानमंत्री मोदी को […]

दो आरज़ू में कट गए, दो एटीएम की कतार में! (Do Arzoo Mein Kut Gaye Do Intzaar Mein)

December 13, 2016 Chander Mohan 0

नोटबंदी का एक महीना पूरा होने के बाद सबको अहसास है कि हालात सही नहीं चल रहे। बैंकों तथा एटीएम के आगे कतारें पहली जैसी लम्बी ही हैं। अपना पैसा निकालना ही पहाड़ जैसी मुसीबत बन गई है। जो 24,000 रुपए साप्ताहिक निकालने की अनुमति है वह भी नहीं मिल रहे। वेतन देना और लेना दोनों मुश्किल हो गया है। बैंकों के आगे झगड़े शुरू हो गए हैं। जब नोटबंदी की प्रधानमंत्री ने घोषणा की थी तो आम आदमी ने उत्साहित होकर समर्थन दिया था। लोगों का मानना था कि नरेंद्र मोदी ने भ्रष्टाचार तथा कालेधन के खिलाफ भी सर्जिकल स्ट्राईक की है। बेहतर भविष्य तथा अच्छे दिन की आशा में लोग तकलीफ सहने को तैयार थे। लेकिन यह तब […]