निर्भया से अभया, कुछ नहीं बदला, From Nirbhaya To Abhaya Nothing Has Changed

September 5, 2024 Chander Mohan 0

“12 साल के बाद भी कुछ नही बदला”, यह शब्द निर्भया की माता आशा देवी के हैं जिनकी बेटी की 16 दिसम्बर 2012 को दिल्ली में चलती बस में बलात्कार के बाद अत्यंत क्रूरता के साथ हत्या कर दी गई थी। सारा देश रोंगटे खड़े करने वाली इस बर्बरता के बाद तड़प उठा था। कानून को सख़्त बनाया गया। उत्तेजित समाज ने जगह जगह कैंडल मार्च निकाले। पर अब कोलकाता के आर.जी.कर मैडिकल कॉलेज में युवा ट्रेनी डाक्टर की बलात्कार के बाद हत्या बताती है कि वास्तव में कुछ नहीं बदला, वहीं बीमार समाज, वहीं लचर व्यवस्था और वहीं खोखले राजनेता। उल्टा लगता है कि स्थिति और बिगड़ गई है। अब तो समाचार देखना या पढ़ना ही कष्टदायक हो गया […]

इंसाफ़ या इंतक़ाम ( Justice or Revenge?)

March 26, 2020 Chander Mohan 0

निर्भया के क़ातिल बलात्कारियों को सात वर्ष के बाद आख़िर फाँसी पर चढ़ा दिया गया।  हमारे समाजिक इतिहास का बहुत घिनौना अध्याय बंद हुआ। जिस मज़बूती  से उसका परिवार विशेष तौर पर उसकी माता आशा रानी ने इस मामले का पीछा किया है वह क़ाबिले तारीफ़ है। अगर वह इतनी मज़बूती न दिखाते तो मामला अभी भी अदालतों में लटकता पड़ा होता। एक बार तो कई महीने कोई जज नहीं था जबकि यह हाई प्रोफ़ाइल मामला है। मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे ने सही कहा है कि मृत्यु दंड के मामलों के ख़िलाफ़ अपील की सीमा होनी चाहिए और यह लड़ाई अंतहीन नहीं हो सकती। उनकी बात सही है पर यह भी एक कड़वी सच्चाई है कि देश में बलात्कार […]

इंसाफ या इंतकाम? (Justice or Revenge?)

December 12, 2019 Chander Mohan 0

हैदराबाद तथा उन्नाव की दर्दनाक घटनाओं, तथा हैदराबाद मेें मुठभेड़ में आरोपियों की मौत पर देश भर में मनाई गई खुशी के बाद मुख्य न्यायाधीश एस.ए. बोबडे ने कहा है कि न्याय कभी तत्काल नहीं होना चाहिए और अगर यह प्रतिरोध बन गया तो उसे न्याय नहीं कहा जा सकता। माननीय मुख्य न्यायाधीश की बात सही है। अगर अदालतों से बाहर न्याय होने लगा तो अराजक स्थिति बन जाएगी। हमने तो अजमल कसाब को भी प्रक्रिया पूरी करने के बाद फांसी पर लटकाया था लेकिन हैदराबाद में दोषियों का  ‘एनकाऊंटर’ कर दिया गया जिसके बाद लोगों ने पुलिस वालों पर फूल बरसाए और उन्हें कंधों पर उठा लिया। यह एनकाऊंटर असली था या फर्ज़ी यह तो जांच बताएगी लेकिन इस […]

रेप: क्या नपुंसक बनाना समाधान है? (Rape: Should Culprits Be Made Impotent?)

June 27, 2019 Chander Mohan 0

तेलंगाना के वरांगला जिले से दहलाने वाला समाचार है कि 9 महीने की बच्ची से बलात्कार करने का प्रयास किया गया। जब वह रोने लगी तो 25 वर्ष के बलात्कारी ने उसका मुंह दबा कर उसकी हत्या कर दी। आरोपी पकड़ा गया लेकिन सवाल तो है कि हमारा समाज कैसे-कैसे वेहशी पैदा कर रहें हैं जो कुछ महीने की बच्ची पर भी यौन हमला करने को तैयार है? और यह पहला ऐसा मामला नहीं है। कई ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं जहां कुछ महीने या कुछ सालों की बच्ची बलात्कार का शिकार हो चुकी हैं। बलात्कार दुनिया भर में होते हैं यहां तक कि जिन देशों में वेश्यावृत्ति वैध है वहां भी होते हैं, लेकिन जैसी दरिंदगी तेलंगाना के इस […]

जहां गुडिय़ा भंग की जाती है (Where Gudiya is Violated)

August 24, 2017 Chander Mohan 0

उसकी अपनी उम्र गुडिय़ा से खेलने की है पर 10 वर्ष की आयु में वह मां बन चुकी है। उसे मालूम नहीं कि उसने बच्ची को जन्म दिया है। पिता ने उसे बताया कि पेट में पत्थरी थी इसलिए आप्रेशन किया गया। क्योंकि उसका नाजुक शरीर प्रसव पीड़ा सह नहीं सकता था इसलिए प्रीमैच्योर डिलिवरी करवाई गई। क्या घोर अनर्थ है! नवजात का बाप उसकी मां का मामा है जो उस बच्ची से लगातार बलात्कार करता रहा। अच्छी खबर केवल यह है कि नवजात को गोद लेने के लिए बहुत से लोग आगे आ रहे हैं लेकिन यह कैसा समाज है जहां मामा ने 10 वर्ष की भानजी को ही गर्भवती बना दिया? कैसे-कैसे राक्षस यहां मौजूद हैं? अभी तो […]

Woh aayana khud ko bhi kabhi dikhao -By Chander Mohan

March 17, 2015 Chander Mohan 0

वो आइना खुद को भी कभी दिखाओ जिस वक्त देश में यह जबरदस्त बहस चल रही थी कि निर्भया बलात्कार पर आधारित बीबीसी वृत्तचित्र ‘इंडियाज़ डॉटर’ दिखाई जाए या न दिखाई जाए, लुधियाना के एक होटल में काम करने वाली लड़की जो देर रात काम के बाद घर लौट रही थी, के साथ गैंगरेप हो गया। अपने साथ रेप के बाद उस लड़की ने जो कहा वह उल्लेखनीय है, ‘मैंने चूड़ीदार कुर्ता डाला हुआ था। मेरा कोई ब्वाय फ्रैंड नहीं है। मेरा कसूर क्या था? कुछ लोग कहते हैं कि जीन्स डालने से रेप हो जाता है। कुछ महिला के चरित्र को जिम्मेवार ठहराते हैं। मैं किसे दोषी ठहराऊं?’ अपराधी मुकेश सिंह, हिन्दू महासभा तथा कई और समाज के ठेकेदार […]