निर्लज्जता में कैनेडा पाकिस्तान को पार कर गया है, Canada surpasses Pakistan in shamelessness

September 28, 2023 Chander Mohan 0

भारत और कैनेडा के रिश्ते इतने गिर गए हैं कि इन्हें सामान्य करने में वर्षों लग जाएँगे। कैनेडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने आरोप लगाया है कि खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की जून 18 को वहाँ एक गुरुद्वारे को सामने हत्या में भारत के एजेंटों का हाथ है। भारत ने इस आरोप को बेहूदा और प्रेरित कहते हुए सख़्त शब्दों में रद्द कर दिया है। दोनों देशों के बीच व्यापार वार्ता रोक दी गई है और भारत ने कैनेडा के नागरिकों को भारत का वीज़ा देने पर  रोक लगा दी हैं। अर्थात् जिन दो देशों के बीच हज़ारों किलोमीटर का फ़ासला है, हितों में कोई टकराव नहीं उनके रिश्ते एक आतंकवादी की हत्या के कारण उस स्तर पर गिर […]

बहिष्कार : मीडिया की विश्वसनीयता का क्षरण रूकेगा, Boycott : Will Stop Further Erosion Of Credibility Media,

September 21, 2023 Chander Mohan 0

विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के घटक दलों ने फ़ैसला किया है कि वह 14 टीवी एंकरों का बहिष्कार करेंगे और उनके शों में अपने प्रतिनिधि नहीं भेजेंगे। ऐसा खुला बहिष्कार पहले कभी नहीं हुआ। प्रवक्ता का कहना है कि “रोज़ शाम 5 बजे से कुछ चैनलों पर नफ़रत की दुकानें सजाई जाती है। हम नफ़रत के बाज़ार के ग्राहक नहीं हैं”। इस कदम को लेकर ज़बरदस्त विवाद  शुरू हो गया है। मंत्री हरदीप पुरी का कहना है कि आपातकाल फिर लागू हो गया, मंत्री अनुराग ठाकुर का कहना है कि यह विपक्ष की हताशा दर्शाता है। ‘नैशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट’ ने इसे लोकतंत्र पर हमला करार दिया है जबकि  ‘इंडिया’ गठबंधन का कहना है कि उन्होंने भारी मन से फ़ैसला लिया […]

जी 20: हमारी कूटनीति का जश्न, G20: Triumph Of Our Diplomacy

September 14, 2023 Chander Mohan 0

नई दिल्ली में जी-20 सम्मेलन सफलता पूर्वक सम्पन्न हो गया। इस ग्रुप के देशों के पास दुनिया की 85 प्रतिशत जीडीपी  और दो तिहाई जनसंख्या है। बाली में सम्पन्न पिछले सम्मेलन में युक्रेन को लेकर सर्वसम्मति नहीं बन सकी। इस बार कूटनीतिक दक्षता दिखाते हुए हम युक्रेन को लेकर पश्चिम और रूस-चीन के बीच, विकास को लेकर उत्तर और दक्षिण के देशों के बीच, मौसम को लेकर सबमे मतभेदों के बावजूद  सबको एक साथ लाने में सफल रहे है। अंतराष्ट्रीय राजनीति के बेहद चुनौतीपूर्ण समय में सर्वसम्मति बनाना हमारी कूटनीति का करिश्मा ही कहा जाएगा। कूटनीति का हमारा सदियों का इतिहास रहा है और हम पश्चिम और पूर्व के बीच सेतु रहें है। जब से पुतिन की मूर्खता से रूस […]

क्या संदेश? कौन संदेशवाहक? ,What Message? Who Messenger ?

September 7, 2023 Chander Mohan 0

  भारतीय जनता पार्टी और एनडीए दोनों इस मामले में स्पष्ट हैं कि उनका संदेश भी नरेन्द्र मोदी हैं और उनके संदेशवाहक भी नरेन्द्र मोदी ही हैं। किसी क़िस्म का कोई कंफ्यूजन नही है। सब कुछ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के व्यक्तित्व के इर्द-गिर्द ही है। और कोई नहीं। भाजपा की सारी उर्जा, कारगुज़ारी, नीति सबका नाम भी नरेन्द्र मोदी हैं। लगभग दो अवधि पूरी करने के नज़दीक नरेन्द्र मोदी की स्थिति बाक़ी वैश्विक नेताओं से अलग है। शासन विरोधी भावना जिसका सामना दूसरों को करना पड़ता है उनकी लोकप्रियता को कोई क्षति नहीं पहुँचा रही। हाल ही में इंडिया टुडे-सीवोटर ‘मूड ऑफ द नेशन’ सर्वेक्षण के अनुसार 52 प्रतिशत लोग महसूस करते हैं कि वह प्रधानमंत्री पद के लिए सबसे […]

पहाड़ अब और बोझ नहीं उठा सकते, Hills Can’t Hold The Burden

August 31, 2023 Chander Mohan 0

शिमला में अर्बन डेवलपमेंट डिपार्टमेंट जिसका काम शहर का योजनाबद्ध विकास करना है, की अपनी बहुमंज़िला इमारत को ख़ाली करवा लिया गया है क्योंकि इमारत असुरक्षित है। यह इमारत एक नाले के उपर बनाई गई है और जंगल के बीच है। अर्थात् जिनका काम शहर का सही विकास करवाना है खुद ही नियमों का उल्लंघन कर रहें हैं। शिमला की जो तबाही हुई है उसमें बड़ा हाथ विभिन्न सरकारों का है। मॉल रोड के ठीक बीच सीमेंट की भारी भरकम इमारत  इंदिरा गांधी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स भी नाले पर  बनाई गई है। इसी तरह हाईकोर्ट, सचिवालय और इंदिरा गांधी मैडिकल कालेज और अस्पताल की ऊँची इमारतें हैं जो किसी बड़े धक्के के समय ताश के घर की तरह ढह जाएँगी। दूसरी […]

कांग्रेस का बेवजह एतराज़, Congress Complains Unnecessarily

August 24, 2023 Chander Mohan 0

जवाहर लाल नेहरू देश के महानतम प्रधानमंत्री थे। यह बात पहले भी मैं कई बार लिख चुका हूँ आज फिर दोहरा रहा हूँ कि अगर नेहरू विभाजन से त्रस्त लडखडाते लगभग कंगाल भारत को न सम्भालते तो शायद हमारा हश्र पाकिस्तान जैसा होता। गांधीजी की हत्या 30 जनवरी 1948 को हो गई और सरदार पटेल का देहांत 15 दिसम्बर 1950 को हो गया। अर्थात् जिस त्रिमूर्ति ने हमारी आज़ादी की लडांई का नेतृत्व किया उसमें से 1951 में केवल नेहरू बचे थे। योजना आयोग से लेकर भाखड़ा डैम, आईआईटी, आईआईएम, एम्स, भाभा परमाणु संस्थान, इसरो बहुत कुछ की नींव  नेहरू के समय  डाली गई।  यह सब उस वकत हुआ जब हम बहुत पिछड़े हुए थे। संसदीय लोकतंत्र की स्वस्थ परम्परा […]