इस ‘कश्मीरियत’ के क्या मायने?

April 2, 2014 Chander Mohan 0

 इस ‘कश्मीरियत’ के क्या मायने? यह अच्छी बात है कि मेरठ के निजी विश्वविद्यालय ने उन 67 कश्मीरी छात्रों का निलंबन वापिस ले लिया जिन्हें एशिया कप में भारत-पाक मैच के बाद पाकिस्तान की जीत पर खुशी मनाने तथा पाकिस्तान के पक्ष में नारे लगाने के लिए बाहर निकाला गया था। लेकिन यह प्रकरण बहुत असुखद सवाल भी छोड़ गया है। ये छात्र प्रधानमंत्री की छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत यहां भेजे गए थे फिर भी उस हरकत में लग गए जो निश्चित तौर पर उत्तेजना पैदा करने वाली थी और जिसे बाकी के छात्र बिल्कुल पसंद नहीं करते। ठीक है यह आयु ऐसी है जहां कई प्रकार की बेवकूफियां की जाती हैं लेकिन यह घटना एक बार फिर देश विरोधी […]

चूहे की दहाड़

March 26, 2014 Chander Mohan 0

The Mouse That Roared 1959 में हालीवुड की एक फिल्म आई थी ‘द माऊस दैट रोर्ड’, अर्थात् चूहे की दहाड़। यह फिल्म योरूप की एक काल्पनिक छोटी सी रियासत की कहानी है जिसके अपने फटेहाल हैं। इस स्थिति से निकलने के लिए सियाने यह तरतीब निकालते हैं कि शक्तिशाली अमेरिका पर हमला कर दिया जाए। रणनीति यह थी कि वे हार जाएंगे लेकिन दुनिया की नज़रों में आ जाएंगे इसलिए अमेरिका उनकी मदद करने के लिए मजबूर हो जाएगा। आजकल अरविंद केजरीवाल जिस तरह मीडिया को धमकियां दे रहे हैं और जिस तरह वे वाराणसी से नरेंद्र मोदी को चुनौती देने की तैयारी कर रहे हैं उससे तो इस फिल्म की याद ताज़ा हो जाती है। उनका कहना है कि […]

गाली कमज़ोर का हथियार है

March 22, 2014 Chander Mohan 0

गाली कमज़ोर का हथियार है चुनाव अभियान पूरे यौवन पर है इसलिए कई नेता असंतुलित हो रहे हैं, अनाप शनाप कह रहे हैं। अरविंद केजरीवाल का कहना है कि सारा मीडिया बिका हुआ है। मीडिया को जेल भेजने की धमकी भी वे दे चुके हैं। नरेंद्र मोदी पर कांग्रेस के वार लगातार बढ़ रहे हैं। कई साल पहले सोनिया गांधी ने उन्हे ‘मौत का सौदागर’ कहा था उसका खामियाज़ा पार्टी को अगले चुनाव में भुगतना पड़ा लेकिन इस चुनाव में फिर उसी कथा को आगे बढ़ाते हुए कांग्रेस पार्टी ने भाजपा तथा संघ पर ‘ज़हर की खेती’ करने का दोष लगाया है। राहुल गांधी संघ पर महात्मा गांधी की हत्या का दोष भी लगा चुके हैं। विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद […]

नमो-नमो ही क्यों?

March 19, 2014 Chander Mohan 1

नमो-नमो ही क्यों? यह पहली बार नहीं कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघचालक ने भाजपा के राजनीतिक मामलों में सार्वजनिक दखल दिया हो। पहले भी के. सुदर्शन ने टीवी के कैमरे के आगे आकर कहा था कि वाजपेयी तथा आडवाणी को रिटायर हो जाना चाहिए। दोनों ने उनकी बात अनसुनी कर दी थी। अब फिर संघ प्रमुख मोहन भागवत की टिप्पणी कि ‘हमारा काम नमो-नमो करना नहीं’, से बहस खड़ी हो गई है। जहां भाजपा असहज है वहां भाजपा और विशेष तौर पर नरेंद्र मोदी के विरोधी बाग बाग हैं। वामपंथी अतुल अंजान का कहना है कि ‘संघ सही कह रहा है। अब उन्हें लगने लगा है कि मोदी भस्मासुर बनते जा रहे हैं।’ दिग्विजय सिंह का भी कहना […]

सिंहासन खाली करो कि जनता आती है!

March 12, 2014 Chander Mohan 1

सिंहासन खाली करो कि जनता आती है! आम चुनाव लोकतंत्र का जश्न है। पांच साल उनके एक दिन हमारा! इस एक दिन में जनता अपना हिसाब बराबर करती है; इसलिए जरूरी है कि इस मौके का सही इस्तेमाल किया जाए। संसद के अंदर ‘माननीय’ ने पिछले दिनों जो व्यवहार किया है वह सोचने पर मज़बूर करता है कि हम किन्हें अपना प्रतिनिधि बना रहें हैं? यह भी दिलचस्प है कि इस एक दिन से बड़े-बड़े लोग आंतकित रहते हैं। ताकतवार मंत्रियों के भी जनता के इस सशक्त अधिकार से पसीने छूटते हैं। दिग्विजय सिंह और कुमारी शैलजा जैसे राज्यसभा में पहुंच चुके हैं। शीला दीक्षित केरल की राज्यपाल बन गई है। सिहासन खाली करो कि जनता आती है! इस बार […]

वादे हैं वादों का क्या?

March 5, 2014 Chander Mohan 0

वादे हैं वादों का क्या? सोवियत यूनियन के पूर्व प्रधानमंत्री निकिता कु्रशचेव ने कहा था कि राजनीतिज्ञ वह होता है जो वहां पुल बनाने का वायदा करता है जहां कोई नदी नहीं है। आजकल पंजाब में नींव पत्थर रखने की जो सुनामी आई हुई है उसे देख कर क्रुशचेव का यह कथन याद आ जाता है। शासन विरोधी भावना जिसे ‘एंटी इकमबंसी’ कहा जाता है का सामना कर रही पंजाब की वर्तमान सरकार लोगों का ध्यान हटाने के लिए धड़ाधड़ हज़ारों करोड़ रुपए के नींव पत्थर रख रही है लेकिन सवाल तो यह है कि इनके लिए पैसा कहां है? जिस सरकार को अपने कर्मचारियों के वेतन तथा दूसरी सुविधाएं देने में भारी परेशानी हो रही है वह इन नींव […]