कश्मीर छोटा पाकिस्तान बन रहा है (Kashmir Becoming Mini Pakistan)

January 3, 2017 Chander Mohan 0

कुछ दिनों की शांति के बाद कश्मीर में फिर तनाव है, प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। देश विरोधियों को नया मुद्दा मिल गया है। उनकी शिकायत है कि कश्मीर की ‘डैमोग्रैफी’ (जनसांख्यिकी) बदलने की साजिश हो रही है और उमर फारुख से लेकर फारुख अब्दुल्ला सब भड़क रहे हैं। मामला देश की आजादी और विभाजन के तत्काल बाद पश्चिम पाकिस्तान से आकर जम्मू-कश्मीर में बसे शरणार्थियों का है। प्रदेश में इनको कोई अधिकार नहीं दिए गए। 70 साल में तीन पीढ़ियां वहां पैदा हो चुकी हैं लेकिन जम्मू-कश्मीर उन्हें मान्यता नहीं देता। वह लोकसभा चुनाव में मतदान कर सकते हैं पर विधानसभा के चुनाव में मतदान का उन्हें अधिकार नहीं है क्योंकि वह ‘स्टेट सबजट’ नहीं हैं। वह भारत के […]

लव अफेयर अभी जारी है (Love Affair Continues)

December 27, 2016 Chander Mohan 0

राहुल गांधी बहुत समय से उतावले हो रहे थे। धमकियां दे रहे थे कि अगर उन्होंने मुंह खोला तो भूकम्प आ जाएगा। 170 घंटे के बाद आखिर में गुजरात में मेहसाणा में राहुल ने अपना मुंह खोला तो वही घिसे पिटे आरोप प्रधानमंत्री मोदी पर दोहरा दिए जिन्हें पहले प्रशांत भूषण अदालत में तथा अरविंद केजरीवाल दिल्ली विधानसभा में लगा चुके हैं कि नरेन्द्र मोदी को सहारा तथा बिड़ला से करोड़ों रुपए मिले थे। ऐसा किसी डायरी में लिखा हुआ है लेकिन इन आरोपों को सुप्रीम कोर्ट बार-बार रद्द कर चुका है कि यह बेबुनियाद हैं, ज़ीरो हैं, फर्जी हैं। लेकिन उन आरोपों को राहुल गांधी ने भरी सभा में मेहसाणा में दोहरा दिया जिससे अंग्रेजी का मुहावरा याद आता […]

देश का सबसे बड़ा झूठ (The Biggest Lie)

December 20, 2016 Chander Mohan 0

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने एक बार कहा था कि जब चुनाव जीत कर कोई जनप्रतिनिधि बनता है तो उसका पहला काम झूठ बोलना होता है क्योंकि वह खर्च का झूठा ब्यौरा दाखिल करता है। लेकिन सच्चाई इससे भी बड़ी है कि न केवल शुरू में झूठ बोला जाता है बल्कि हमारी सारी राजनीति ही झूठ की बुनियाद पर टिकी है। जो लोग हमारे लिए कानून बनाते हैं उनकी अपनी बहुत गतिविधियां गैरकानूनी हैं। खर्च का ब्यौरा देने से पहले यहां टिकटें बिकती हैं, काला राजनीतिक चंदा इकट्ठा किया जाता है और कोई पूछने वाला नहीं। क्योंकि सब इस बहती गंगा में नहाते हैं इसलिए कोई दूसरे पर उंगली नहीं उठाता और न ही इसे सही करने में इनकी […]

दो आरज़ू में कट गए, दो एटीएम की कतार में! (Do Arzoo Mein Kut Gaye Do Intzaar Mein)

December 13, 2016 Chander Mohan 0

नोटबंदी का एक महीना पूरा होने के बाद सबको अहसास है कि हालात सही नहीं चल रहे। बैंकों तथा एटीएम के आगे कतारें पहली जैसी लम्बी ही हैं। अपना पैसा निकालना ही पहाड़ जैसी मुसीबत बन गई है। जो 24,000 रुपए साप्ताहिक निकालने की अनुमति है वह भी नहीं मिल रहे। वेतन देना और लेना दोनों मुश्किल हो गया है। बैंकों के आगे झगड़े शुरू हो गए हैं। जब नोटबंदी की प्रधानमंत्री ने घोषणा की थी तो आम आदमी ने उत्साहित होकर समर्थन दिया था। लोगों का मानना था कि नरेंद्र मोदी ने भ्रष्टाचार तथा कालेधन के खिलाफ भी सर्जिकल स्ट्राईक की है। बेहतर भविष्य तथा अच्छे दिन की आशा में लोग तकलीफ सहने को तैयार थे। लेकिन यह तब […]

ममता को गुस्सा क्यों आता है? (Mamta Ko Gussa Kyon Aata He)

December 6, 2016 Chander Mohan 0

एक मुख्यमंत्री कितनी गैर जिम्मेवार हो सकती हैं इसका प्रमाण हमें पश्चिम बंगाल से मिल रहा है जहां उन्मत ममता बैनर्जी ने भारतीय सेना की रुटीन कार्रवाई पर ही सवाल उठाते हुए उसे उनका तख्ता पलटने की साजिश तक कह दिया। एक दिन पहले जब उनकी पटना से कोलकाता उड़ान को हवाई अड्डे के आकाश में जमघट के कारण उतरने में देर हो गई तो तृणमृल कांग्रेस ने इसे ममता को खत्म करने की साजिश कह दिया। कोलकाता के एटीसी ने आकाश में विमानों की भीड़ के कारण एक-एक कर सभी विमानों को सुरक्षित उतार लिया लेकिन ममता क्या जो नाटकीय मौका हाथ से जाने दे? सब सुरक्षित उतर गए, फिर इतना चीखना चिल्लाना क्यों? अपने नए राजनीतिक सखा अरविंद […]

इंदिरा गांधी और नरेन्द्र मोदी (Indira Gandhi and Narendra Modi)

November 29, 2016 Chander Mohan 0

राजदीप सरदेसाई के साथ इंटरव्यू में सोनिया गांधी का कहना था कि वह इससे सहमत नहीं कि नरेन्द्र मोदी इंदिरा गांधी जैसे ताकतवर नेता हैं। दिलचस्प है कि हमारे बड़े बड़े दबंग पत्रकार जब बड़े नेताओं से बात करते हैं तो उनकी सारी बोलती बंद हो जाती है। अरनब गोस्वामी की नरेन्द्र मोदी के साथ और अब राजदीप सरदेसाई की सोनिया गांधी की इंटरव्यू में भी इंटरव्यू करने वाला बिलकुल दब्बू था। प्रभाव यह दे रहे थे कि अपने सामने बैठे व्यक्ति के आभा मंडल से वह मंत्रमुग्ध हैं। जहां तक इंदिरा गांधी तथा नरेन्द्र मोदी के बीच तुलना का सवाल है दोनों का व्यक्तित्व, पृष्ठभूमि तथा कैरियर अलग अलग हैं। इंदिरा गांधी का जन्म देश के सबसे प्रतिष्ठित परिवारों […]