क्या पाकिस्तान बंदा बनेगा? (Will Pakistan Become More Responsible ?)

October 11, 2016 Chander Mohan 0

पाकिस्तान के वज़ीर-ए-आज़म नवाज शरीफ के दफ्तार में उनके प्रशासनिक अधिकारियों तथा सेना तथा आईएसआई के अधिकारियों के बीच जो टकराव हुआ जिसकी जानकारी कराची के अखबार ‘द डॉन’ ने बाहर निकाली है, बेमिसाल है। पाकिस्तान की वरिष्ठ पत्रकार मरियाना बाबर ने तो इसे ‘ऐतिहासिक खबर’ कह दिया है। आमतौर पर सेना के अधिकारियों के सामने भीगी बिल्ली बने नेता तथा प्रशासनिक अधिकारियों ने सीधा सेना की नीतियों पर हमला किया कि सेना द्वारा ‘नॉन स्टेट एक्टर्स’ अर्थात् जेहादियों को दिए जा रहे संरक्षण के कारण पाकिस्तान दुनिया में अलग थलग पड़ गया है। पाकिस्तान के विदेश सचिव की शिकायत थी कि बड़े देश हमारी बात नहीं सुन रहे। उनके इस कथन से सब सन्न रह गए कि भले ही […]

असली कहानी बदलते भारत की है (The Real Story is of Changing India)

October 4, 2016 Chander Mohan 0

भारत के संयम का बांध आखिर टूट गया। अगर जवाब नहीं दिया जाता तो सरकार तथा सेना दोनों की विश्वसनीयता पर चोट पहुंचती। 28-29 सितम्बर 2016 निर्णायक दिन रहेंगे। नियंत्रण रेखा पार कर तथा पाक अधिकृत कश्मीर के अंदर जाकर उन्हें ठोंकने की कार्रवाई बताती है कि देश, सरकार तथा सेना की बर्दाश्त खत्म हो रही है। पाकिस्तान समझता रहा कि भारत एक बनिया-ब्राह्मण सॉफ्ट स्टेट है, कुछ देर गर्जेगा फिर शांत हो जाएगा। उन्हें मालूम नहीं था कि यह नया आश्वस्त भारत है और यह सरकार वहां तक जाने की इज़ाजत देगी जहां 1971 के बाद किसी भारतीय सरकार ने जाने की इज़ाजत नहीं दी। 1999 में कारगिल युद्ध के समय भी प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने सेना को […]

भारत और बदमाश पड़ोसी (India and the Rogue State)

September 27, 2016 Chander Mohan 0

संयुक्त राष्ट्र में नवाज शरीफ के भाषण का 80 प्रतिशत हिस्सा कश्मीर पर था। आतंकी बुरहान वानी को ‘नया नेता’ कहा पर नवाज के राग को विश्व समुदाय ने अनसुना कर दिया। कराची के ‘डॉन’ अखबार ने भी शिकायत की कि अमेरिका में उनके दोस्तों की संख्या बहुत कम रह गई है। पड़ोसी बांग्लादेश तथा अफगानिस्तान तो पहले ही पाकिस्तान के सताये हुए हैं। चीन के एक विशेषज्ञ हूशीशेंग ने एक भारतीय अखबार को बताया कि ‘उरी की घटना बताती है कि पाकिस्तान का अपने आतंकी गुटों पर नियंत्रण कमजोर पड़ गया है।’ हूशीशेंग के अनुसार चीन चाहे सार्वजनिक तौर पर इस बात की चर्चा न करे लेकिन निजी तौर पर पाकिस्तान से बात जरूर होगी। चीन की अपनी चिंता है […]

कब तक? (How Long?)

September 20, 2016 Chander Mohan 0

‘‘मैं आपको विश्वास दिलवाता हूं कि मेरी अनुमति के बिना कोई अंदर नहीं आ सकेगा। यह आतंकी जो आए वह अंतिम थे।’’ -रक्षामंत्री मनोहर पार्रिकर, पठानकोट एयरबेस पर हमले के बाद 2 जनवरी को पठानकोट एयरबेस से लेकर 18 सितम्बर को उरी की 12वीं ब्रिगेड पर हुआ हमला छठा ऐसा हमला है जो सेना या अर्धसैनिक बलों पर किया गया है। सेना और अर्धसैनिक बलों के कैम्पों पर हमले हो चुके हैं। सेना के काफिलों पर हमला हो चुका है। हम सब बर्दाश्त कर गए लेकिन उरी पर हमला जिसमें अब तक 20 जवान मारे गए के बाद लै. जनरल सईद अता हसनैन जो इस ब्रिगेड के कमांडर रह चुके हैं, के शब्दों में भी, ‘इतने वर्ष पाकिस्तान हमले करता […]

कैसी कश्मीरियत? कौन सी कश्मीरियत? (What Kashmiriyat Which Kashmiriyat ?)

September 13, 2016 Chander Mohan 1

जिस तरह दिल्ली से गए सांसदों के प्रतिनिधिमंडल को कश्मीर के अलगाववादी नेताओं ने बेआबरू कर अपने घरों से निकाल दिया उससे केन्द्र सरकार की आंखें खुल जानी चाहिए। पांच साल में इनकी सुरक्षा पर 506 करोड़ रुपया खर्च किया गया। यह जम्मू-कश्मीर के सर्व शिक्षा अभियान पर कुल खर्च से अधिक है। इनके होटलों के 20 करोड़ रुपए के बिल केन्द्र सरकार चुकाती है। हवाई जहाज़ के टिकट केन्द्र खरीद कर देता है। और यह हमें गालियां निकालते रहते हैं और हिंसा को उकसाते रहते हैं। पाकिस्तान में शामिल होना चाहते हैं। मनमोहन सिंह की सरकार ने तीन बार इन्हें निमंत्रण दिया था एक बार नहीं गए हम उनकी कारों के पैट्रोल के बिल तक चुकाते रहेंगे। इनके बैंक […]

शिकारी खुद शिकार हो गया! (The Hunter is Hunted)

September 6, 2016 Chander Mohan 0

आप से दुत्कारे नवजोत सिंह सिद्धू ने अपना आवाज-ए-पंजाब मोर्चा बना लिया है। इस मोर्चे में शामिल वह चार लोग हैं जिनकी बादल विरोधी छवि है। अभी तक कोई स्पष्टता नहीं कि पार्टी की विचारधारा क्या होगी, कौन इसके सदस्य होंगे? इतने कम समय में संगठन कैसे खड़ा होगा? 117 सीटों पर उम्मीदवार कहां से आएंगे? साधन कहां हैं? आदत के अनुसार सिद्धू दम्पति मामले को लटकाए रखे हुए है। घोषणा किश्तों में की जाती है पर ऐसी सिद्धू दम्पति की राजनीति है। वह सब कुछ रहस्यमय रखना पसंद करते हैं। अभी तो इनका भविष्य अनिश्चित नजर आता है। एक समय मनप्रीत बादल की भी बड़ी अच्छी छवि थी। जब उन्होंने अकाली दल छोड़ा तो समझा गया कि पंजाब की […]