अमेरिका और उसका ‘न्यू बैस्ट फ्रैंड’, America- India New Best Friends?

June 22, 2023 Chander Mohan 0

 ब्रिटेन के साप्ताहिक अख़बार द इकोनॉमिस्ट ने भारत को अमेरिका का नया बैस्ट फ्रैंड करार दिया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अमेरिका यात्रा से पहले प्रकाशित लेख में अख़बार लिखता है, “ इस एशियन जांयट का वैश्विक दबदबा बहुत तेज़ी से बढ़ रहा है। इसकी अर्थव्यवस्था दुनिया में पाँचवीं है…2028 तक वह जापान और जर्मनी से आगे निकल जाएँगे… भारत एशिया में चीन के आक्रमण को रोकने और अपना अधिकार जताने के अमरीकी प्रयासों के लिए अत्यावश्यक हो गया है”। यह अकारण नहीं  कि इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा का उस तरह स्वागत किया जा रहा जैसे पहले शायद एक ही बार हुआ था जब राष्ट्रपति कैनेडी ने  प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का अमेरिका में स्वागत किया था। […]

परमाणु विनाश के कगार पर दुनिया?, Near Nuclear Armageddon ?

October 13, 2022 Chander Mohan 0

“अपनी आक्रामक रूस विरोधी  नीति में पश्चिम के देश सभी सीमाएँ लांघ गए हैं। जो मैं कह रहा हूँ वह कोरी धमकी नहीं है। जो परमाणु हथियारों के साथ हमें ब्लैकमेल करना चाहते हैं उन्हें समझ लेना चाहिए कि हवा का रूख बदल सकता है और उनकी तरफ़ मुड़ सकता है”। यह सख़्त शब्द कह कर रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने एक बार फिर परमाणु विनाश की सम्भावना  दुनिया के सामने पेश कर दी। यह धमकी वह पहले भी दे चुकें हैं पर इस बार उनके द्वारा ‘परमाणु’ शब्द के इस्तेमाल से दुनिया दहल उठी। कारण यह कि पुतिन के लिए यूक्रेन में युद्ध सही नहीं चल रहा। एक के बाद एक धक्का लग रहा है। ऐसी स्थिति में हताश […]

कूटनीति का महा पाठ, Masterclass In Diplomacy

April 28, 2022 Chander Mohan 0

जब से रूस ने यूक्रेन पर हमला किया है पश्चिम के देशों, विशेष तौर पर अमेरिका, का हम पर बहुत दबाव है कि हम खुल कर उनका साथ दें और रूस की खुली निन्दा करें। पिछले दो महीनों में लगभग डेढ़ दर्जन विशिष्ट विदेशी महमान नई दिल्ली की यात्रा कर लौटें हैं।  सब यूक्रेन पर वार्ता करना चाहते था। और यह सिलसिला जारी है।  कूटनीतिज्ञों के लिए भारत  टूरिस्ट डैसटीनेशन बना हुआ है।  सबसे असभ्य अमेरिका के भारतीय मूल के डिप्टी रक्षा सलाहकार दिलीप सिंह रहे है जिन्होने भारत द्वारा रूसी तेल न ख़रीदने से इंकार करने पर यहां आकर खुलेआम हमें ‘भयानक परिणाम’ की चेतावनी दी थी।दिलीप सिंह का कहना था कि भारत को इस ग़लतफ़हमी में नही रहना […]

निहायत ही बेवक़ूफ़ आदमी है, Incredibly Stupid Man

March 3, 2022 Chander Mohan 0

रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने अपने सैनिक कमांडरों को परमाणु सिस्टम को तैयार रखने को कहा है। यूक्रेन में युद्ध अभी तक रूस के मुताबिक़ नही चल रहा। रूसी सेना किसी भी बड़े शहर पर क़ब्ज़ा नही कर सकी और यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की, जिन्होंने जान बचाने के लिए देश छोड़ने से इंकार कर दिया है, के नेतृत्व में यूक्रेन की सेना और लोग बराबर मुक़ाबला कर रहे हैं। दूसरी तरफ पश्चिम के देश लगातार प्रतिबंध बढ़ाते जा रहे हैं। रूस की अर्थव्यवस्था को भारी धक्का पहुँचा है। भारत सरकार की तटस्थ नीति सही है। हमें किसी का पक्ष नही लेना चाहिए और अपने लोगो, विशेष तौर पर स्टूडेंट्स को वहां से निकालने को प्राथमिकता देनी चाहिए। यूक्रेन मे भारतीय […]

हमारी समस्या यूक्रेन नही,चीन है Our Concern is China not Ukraine

February 24, 2022 Chander Mohan 0

यूक्रेन के संकट को लेकर दुनिया परेशान है। रूस कह तो रहा है कि उसका हमले का कोई इरादा नही पर यूक्रेन की सीमा पर उसके लगभग दो लाख सैनिक तैनात हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन लगातार कह रहे हैं कि रूस किसी भी समय हमला कर सकता है। यह टकराव दोनो बड़े नेता बाइडेन और पुतिन की प्रतिष्ठा का भी सवाल बन गया है। पुतिन बिना कुछ हासिल किए वापिस नही जा सकते और जो बाइडेन यह निश्चित करना चाहतें हैं कि रूस यहाँ से कुछ हासिल न कर सके। तीसरे बड़े नेता शी जिनपिंग की भी नजर इस टकराव पर है कि वह इस में से क्या फायदा उठा सकतें हैं? यहाँ पुतिन फँस गए लगतें है। […]

भारत-रूस, ढीली दोस्ती, India -Russia Weak Friendship

December 16, 2021 Chander Mohan 0

     एक समय था जब सोवियत यूनियन के नेता निकिता क्रुश्चेव ने भारत से कहा था ‘आप हिमालय से हमें आवाज़ लगाओ हम दौड़े चले आऐंगे’। इससे पहले सितम्बर 1959 में बीजिंग में एक तल्ख़ मुलाक़ात के दौरान क्रुश्चेव ने माओ जीडोंग पर आरोप लगाया था कि भारत के साथ झड़प और तिब्बत की स्थिति जिसके कारण दलाई लामा को तिब्बत छोड़ना पड़ा, के लिए पूरे तौर पर चीन ज़िम्मेवार है। क्रुश्चेव इतने नाराज़ हो गए कि अपनी सरकारी यात्रा बीच छोड़ बीजिंग से  लौट आए।  1962 के युद्ध के दौरान सोवियत यूनियन का झुकाव हमारी तरफ था। तब से लेकर अब तक स्थिति बहुत बदल चुकी है। शीतयुदध में पश्चिम के हाथो पराजित होने का बाद सोवियत यूनियन ही […]