रात के अंधेरे में In The Dead of Night

October 8, 2020 Chander Mohan 0

दिसम्बर 2012 के दिल्ली के निर्भया कांड के बाद देश ने सोचा था कि इस से क्रूर और पाशविक और कुछ नही हो सकता। परेशान संसद ने भी रेप के ख़िलाफ़ सख़्त क़ानून बना दिया था लेकिन अब हाथरस में एक दलित लड़की के साथ जो नृशंस हुआ उस से पता चलता है कि इन आठ साल में कुछ नही बदला। महिलाओं पर अत्याचार के मामले में हम वहीं के वहीं हैं। शायद कुछ और आगे बढ़ गए हैं। देश भर से लगातार ऐसी घटनाओं के समाचार मिल रहें हैं। हिमाचल जैसा शरीफ़ प्रदेश भी अछूता नही रहा। वहाँ मई में हमीरपुर जिले के तलासी गाँव की लापता हुई लड़की का कंकाल अब जंगल से मिला है। बलात्कार के बाद […]

मोदीजी, एक और सर्जिकल स्ट्राइक चाहिए Need Another Surgical Strike

July 16, 2020 Chander Mohan 0

‘विकास दुबे कानपुर वाला’ की 30 वर्ष लम्बी कुख्यात यात्रा और उज्जैन में उसकी कथित गिरफ़्तारी तथा रास्ते में उसका कथित एंकाउंटर कई सवाल छोड़ गया है। जिस अपराधी को पकड़ने के लिए उत्तर प्रदेश तथा पड़ोसी प्रदेशों की पुलिस चौकस थी वह एक हज़ार किलोमीटर दूर उज्जैन कैसे पहुँच गया? उसे हथकडी क्यों नहीं पहनाई गई? कार कैसे पलट गई? रास्ते में कार क्यों बदली गई? और भी कई सवाल हैं लेकिन यह उल्लेखनीय है कि उसकी मौत पर लोग संतुष्ट हैं। उमा भारती ने बधाई दी है। जिन पुलिस अफ़सरों ने यह एंकाउंटर किया है उन्हें हार डाले गए हैं चाहे कई मानवाधिकार वाले परेशान है। यह बड़ी दुर्भाग्यपूर्ण सच्चाई है किजिन्होंने विकास दुबे की मदद की यहां […]

देश की अनाथ औलाद (The Lost People of India)

May 14, 2020 Chander Mohan 0

प्रवासी मज़दूरों की त्रासदी ज़ारी है। महाराष्ट्र में औरंगाबाद के नज़दीक रेल पटरी पर सोए 16 मज़दूरों को माल गाड़ी रौंद गई।चालक कल्पना नही कर सकता था की रेल पटरी पर भी कोई सो सकता है। लेकिन बात दूसरी है। कितनी मजबूरी थी कि थके हारे भूखे प्यासे पुलिस के डंडों से बचते यह सब रेल पटरी पर ही सो गए? पहले लॉकडाउन ने ज़िन्दगी पटरी से उतार दी अब पटरी पर आ रही रेल उनके चिथड़े कर निकल गई। लॉकडाउन के कारण कई सौ किलोमीटर दूर अपने अपने गाँव के लिए निकले 80 प्रवासी रास्ते में ही दम तोड़ चुकें हैं। आज़ादी के बाद का यह सबसे बड़ा पलायन है। समय पर लॉकडाउन ने बड़ी संख्या में जाने बचाईं […]

नकारात्मक को दिल्ली ने नकार दिया (Dilli Negates The Negative)

February 13, 2020 Chander Mohan 0

दिल्ली के इतिहास का सबसे भद्दा चुनाव खत्म हुआ। अरविंद केजरीवाल तथा उनकी आप को प्रचंड बहुमत मिल गया है। दिल्ली वालों ने ‘गोली मारो’ राजनीति को वोट की गोली मार दी। नफरत की राजनीति को रद्द कर दिया। भाजपा का प्रदर्शन फीका रहा जबकि कांग्रेस यह प्रभाव दे रही है कि वह जिंदा रहने को तैयार नहीं। दिल्ली के ठीक बीच स्थित गार्गी कालेज में छात्राओं के साथ कुछ गुंडों ने जो अभ्रद व्यवहार किया है उसकी जितनी भी निंदा की जाए वह कम है। ऐसी-ऐसी हरकतें की गई कि लिखा भी नहीं जा सकता और जैसा हर बार हो रहा है, पुलिस यहां भी तमाशबीन खड़ी रही। जब नेता राजनीति पर जरूरत से अधिक केन्द्रित हो जाएं तो प्रशासन […]

लेकिन इन हवाओं को रोकिए (Stop This Madness)

January 8, 2020 Chander Mohan 0

इस देश की चाल बहुत बेढंगी हो रही है। यहां तो अब कोई मुसलमान विद्वान संस्कृत नहीं पढ़ा सकेगा। दिल्ली के जेएनयू पर नकाबपोश गुंडों ने जो हमला किया वह संस्था के बलात्कार से कम नहीं है। कैम्पस के अंदर ‘गोली मारो सालों को’ के नारे लगे और बाहर पुलिस तमाशबीन बनी रही। क्या शिक्षा को उजाडऩा है? क्या एक ही तरह की विचारधारा अब यहां स्वीकार्य होगी? देश के प्रतिष्ठित आईआईटी कानपुर में इस बात की जांच हो रही है कि क्या फैज अहमद फैज की प्रसिद्ध नज़म  ‘हम देखेंगे’ में हिन्दू विरोधी टिप्पणी की गई है? वहां के कुछ छात्रों ने यह नज़म पढ़ी थी जो फैज ने पाकिस्तान के तानाशाह ज़िया उल हक के खिलाफ लिखी थी […]

हमें कैसा भारत चाहिए? (What kind of India do we want?)

December 27, 2018 Chander Mohan 0

पुरानी बात है। वरिष्ठ पत्रकार सैयद नकवी एक बार पाकिस्तान गए थे। जब वह स्वदेश लौटे तो उनसे पूछा गया कि आपको पाकिस्तान कैसा लगा? उनका जवाब था,  “बिलकुल अच्छा नहीं लगा। वहां तो मुसलमान ही मुसलमान भरे हुए हैं। मुझे तो ब्राह्मण भी चाहिए, सिख भी चाहिए, इसाई भी चाहिए, दक्षिण भारतीय भी चाहिए।“ वास्तव में यही अनेकता हमारी ताकत है। सारे भारत को एक ही विचारधारा में बांधने का प्रयास कभी सफल नहीं होगा क्योंकि सदियों से भारत अनेक और बहुरूप रहा है। पारसी और यहूदियों से लेकर तिब्बतियों तक को भारत माता ने अपनी गोदी में जगह दी है आप चाहे कितनी भी तकलीफ में हो। इसका सबसे बड़ा कारण है कि बहुमत का हिन्दू धर्म उदार […]